Posts

Showing posts with the label shiv

हर हर महादेव" का अर्थ और महत्व – भगवान शिव की पवित्र महिमा 🙏🌸

Image
  परिचय:   "हर हर महादेव" एक ऐसा मंत्र है, जो हर शिव भक्त की जुबान पर होता है। यह मंत्र भगवान शिव की महिमा को प्रकट करता है और उनके आशीर्वाद को हमारे जीवन में लाता है। भगवान शिव के भक्तों के दिलों में हमेशा इस मंत्र का महत्व होता है। आइए जानते हैं इस मंत्र का असली अर्थ और इसका आध्यात्मिक महत्व। 🕉️ "हर हर महादेव" का अर्थ क्या है?  🤔 "हर हर महादेव" का अर्थ होता है "भगवान शिव की महिमा"। इसमें "हर" का अर्थ है भगवान शिव, जो हमारे दुखों को दूर करते हैं और जीवन में समृद्धि लाते हैं। "महादेव" का अर्थ है "महान भगवान", जो समस्त ब्रह्मांड के सबसे शक्तिशाली देवता हैं। यह मंत्र भगवान शिव के प्रति हमारी भक्ति और आस्था का प्रतीक है। 🙌 "हर हर महादेव" के महत्व को समझें  💫 आध्यात्मिक उन्नति:  "हर हर महादेव" का जाप करने से आत्मिक शांति और मानसिक शुद्धि प्राप्त होती है। यह मंत्र भक्ति की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ने में मदद करता है। 🌿 समस्याओं से मुक्ति:  भगवान शिव को "विघ्नहर्ता" कहा जाता है। जब भी हम...

महाशिवरात्रि 2025 कब है? तिथि, पूजा विधि और महत्व

Image
  महाशिवरात्रि 2025 कब है? तिथि, पूजा विधि और  महत्व महाशिवरात्रि  हिन्दू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और भगवान शिव की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि आप  महाशिवरात्रि 2025 की तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त  जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। महाशिवरात्रि 2025 कब है? (Shivratri 2025 Date and Time) महाशिवरात्रि 2025 का पर्व  26 फरवरी 2025, बुधवार  को मनाया जाएगा। 🔹 महाशिवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त निशीथ काल पूजा समय : रात  12:09 AM से 12:58 AM  तक चतुर्दशी तिथि प्रारंभ : 26 फरवरी 2025, सुबह  03:25 AM चतुर्दशी तिथि समाप्त : 27 फरवरी 2025, सुबह  05:04 AM महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि (Shivratri Vrat & Puja Vidhi) 🔹 महाशिवरात्रि व्रत कैसे रखें? सुबह जल्दी उठकर स्नान करें  और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव का ध्यान करें और  व्रत का संकल्प लें । दिनभर  फलाहार या केवल जल  ग्रहण करें। शाम को शिवल...

शिव का तीसरा नेत्र: ज्ञान और शक्ति का प्रतीक

Image
  शिव का तीसरा नेत्र हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह न केवल भगवान शिव की शक्ति और ज्ञान का प्रतीक है, बल्कि ब्रह्मांड के रहस्यों से जुड़े कई अर्थों को भी समेटे हुए है। ज्ञान का प्रतीक: शिव का तीसरा नेत्र आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। यह अंधकार को दूर कर, सच्चाई को प्रकट करता है। जब शिव अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं, तो ब्रह्मांड के सभी रहस्य उनके सामने स्पष्ट हो जाते हैं। यह ज्ञान केवल शिव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सभी जीवों के भीतर मौजूद है। शक्ति का प्रतीक: शिव का तीसरा नेत्र असीम शक्ति का भी प्रतीक है। यह ब्रह्मांड को उत्पन्न करने और संहार करने की शक्ति रखता है। जब शिव क्रोधित होते हैं, तो वे अपना तीसरा नेत्र खोलकर संहार का तांडव करते हैं। अंधकार का विनाश: शिव का तीसरा नेत्र अज्ञान और अंधकार का विनाशक है। यह हमें अपने अंदर छिपे हुए अंधकार को दूर करने और सच्चाई को खोजने के लिए प्रेरित करता है। ब्रह्मांड का रहस्य: शिव का तीसरा नेत्र ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। यह हमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति, विकास और अंत के बारे में सोचने पर मजबू...